अंतरा भाग 2 – कक्षा 12 के लिए हिंदी (ऐच्छिक) की पाठ्यपुस्तक story खंड – पाठ-16

यह खंड ममता कालिया की कहानी "दूसरा देवदास" से लिया गया है। इसमें हरिद्वार की धार्मिक परंपराओं और युवाओं की भावनात्मक उत्कण्ठा का चित्रण किया गया है। कहानी में प्रेम के विभिन्न पहलुओं को जीवन्त और संवेदनशील भाषा में प्रस्तुति मिली है, जो प्रेम की सहजता और पारस्परिक समझ को दर्शाती है।

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Categories: NCERT, कक्षा 12, हिंदी, ऐच्छिक, story खंड, ममता कालिया, प्रेम, कहानी, साहित्य
Tags: अंतरा, हिंदी ऐच्छिक, कक्षा 12, ममता कालिया, दूसरा देवदास, प्रेम, कहानी, साहित्य, हिंदी साहित्य, NCERT, पाठ-16
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पाठ-1 – ममता कालिया: नवला नीलकंठ - हिंदी साहित्य अध्याय अल्टीमेट स्टडी गाइड 2025

पाठ-1 – ममता कालिया: नवला नीलकंठ

हिंदी साहित्य अध्याय: पूर्ण सारांश, जीवनी, कहानी, प्रश्न-उत्तर | एनसीईआरटी कक्षा 12 अंतरा भाग 2 नोट्स, उदाहरण, क्विज़ 2025

पूर्ण अध्याय सारांश एवं विस्तृत नोट्स - ममता कालिया हिंदी एनसीईआरटी कक्षा 12 अंतरा भाग 2

यह अध्याय समकालीन हिंदी साहित्य की प्रमुख लेखिका ममता कालिया की कहानी 'नवला नीलकंठ' पर आधारित है। कहानी युवा प्रेम, धार्मिक परिवेश, और जीवन की क्षणभंगुरता को चित्रित करती है। हरिद्वार के घाटों पर सेट, यह द्वितीय पुरुष कथा शैली में है, जो पाठक को प्रत्यक्ष भागीदार बनाती है। अध्याय में लेखिका की जीवनी, कहानी का विश्लेषण, प्रश्न-अभ्यास, योग्यता-विस्तार और शब्दार्थ शामिल हैं।

अध्याय का उद्देश्य

  • ममता कालिया के साहित्यिक योगदान को समझना।
  • कहानी के माध्यम से प्रेम, आस्था और सामाजिक वास्तविकता का विश्लेषण।
  • द्वितीय पुरुष शैली की विशेषताएँ।
  • धार्मिक स्थलों पर युवा मन की उथल-पुथल।

मुख्य बिंदु

  • लेखिका: शब्दों की जादूगरी, भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
  • कहानी: लाक्षो नामक युवक का हरिद्वार यात्रा, मंदिर में लड़की से भेंट, गलतफहमी, प्रेम की शुरुआत।
  • थीम: प्रेम की क्षणिकता, धार्मिक भक्ति, पारिवारिक बंधन।
  • भाषा: सरल, भावुक, लोकभाषा का मिश्रण।

कहानी का सार

लाक्षो हरिद्वार घाट पर भटकता है, मंदिर में एक लड़की से मिलता है। पुजारी की गलतफहमी से शुभकामना, फिर अलगाव। अगले दिन फिर भेंट, बच्चे के माध्यम से नाम पता चलता है। प्रेम की शुरुआत, लेकिन अनिश्चितता।

साहित्यिक महत्व

युवा पीढ़ी की भावनाओं का जीवंत चित्रण। धार्मिक स्थल पर प्रेम का विपरीत भाव। पुरस्कार प्राप्त लेखिका की शैली।

विश्लेषण टिप्स

द्वितीय पुरुष: 'तुम' का प्रयोग पाठक को डुबोता है। प्रतीक: नीलकंठ (शिव) - विष पीना, प्रेम का कष्ट।

उदाहरण: प्रेम की पहली चिंगारी

"युवती ने कहा, 'माता जी, आज तो आरती हो गई है। क्या करें, देर हो गई।'" – यहाँ युवा आकर्षण और संकोच का मिश्रण है।